सोयाबीन: छोटे से खेत के लिए बड़े फायदे

सोयाबीन सिर्फ एक खाद्य फसल नहीं, यह नकदी फसल भी है। भारत में यह खारिफ की मुख्य फसलों में से एक है और कई राज्यों की अर्थव्यवस्था पर असर डालती है। अगर आप किसान हैं या बाजार में सोया से जुड़े काम करते हैं, तो यह पेज आपको तेज़, साफ और काम आने वाली जानकारी देगा।

कब और कैसे बोएं

बुवाई का समय अक्सर बारिश के साथ जुड़ा होता है। ज्यादातर इलाकों में जून–जुलाई के बीच बुवाई ठीक रहती है। जमीन हल्की-बुझी, अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए। बीज चुनते समय स्थानीय रूप से सफल किस्में और प्रमाणित बीज लें। बीज उपचार कीजिए — फंगीसाइड और बायोफर्टिलाइज़र से बीज का उपचार रोगों को कम करता है और अंकुरण बढ़ाता है।

पंक्तियों के बीच और पौधों के बीच सही दूरी रखें ताकि हवा गुजर सके और फफूंदी जैसी समस्याएँ कम हों। सामान्यतः 30–45 सेमी पंक्ति दूरी और 5–7 सेमी पौधे दूरी उपयोगी रहती है, पर इलाके और मशीनिंग के अनुसार समायोजित करें।

खाद, पानी और रोग-कीट नियंत्रण

सोयाबीन नाइट्रोजन फिक्सिंग पौधा है, फिर भी फॉस्फ़र और पोटाश की आवश्यकता होती है। मिट्टी परीक्षण करवा कर डीटेल में पोषक तत्व तय करें। शुरुआती समय में निराई-गुड़ाई और सही समय पर निराई फसल को बढ़ने देता है।

कीटों में स्टेम फ्लाई, लीफ फोल्डर और पॉड बोरर आम हैं। नियमित निगरानी रखें और थ्रेशहोल्ड पर ही कीटनाशक प्रयोग करें। जैविक विकल्प जैसे ट्राइकोडर्मा, नीम आधारित स्प्रे और फसल चक्रीकरण भी असरदार हैं।

सूखे इलाकों में फसल को समय पर सिंचाई दें; कम पानी में भी सोयाबीन उग सकती है पर फल-जमाव प्रभावित होता है। फसल पकने पर रंग-परिवर्तन देखकर कटाई का समय तय करें — ओवरड्राई होने पर दाने टूट सकते हैं।

कटाई के बाद दानों का नमी स्तर कम रखना जरूरी है। भंडारण से पहले सुखाना और साफ़ करना चाहिए। आदर्श भंडारण नमी 8–10% रहती है। छोटे किसानों के लिए फेम लक्ष्यित बैग या एयरटाइट कंटेनर उपयोगी होते हैं। फंगस और कीड़ों से बचाव के लिए समय-समय पर निरीक्षण करें।

बाजार के मामले में गुणवत्तापूर्ण, साफ और नमी नियंत्रित दाने बेहतर दाम दिलाते हैं। मंडी में बेचने से पहले स्थानीय MSP और बाजार भाव चेक करें। वैल्यू-एडिशन जैसे सोया ऑइल, सोया चंक्स या टूफू बनाने से बेहतर रिटर्न मिल सकता है।

सोयाबीन पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है — प्रोटीन और तेल दोनों देते हैं। घर में सोया दूध, टोफू या सोया चंक्स बनाकर घरेलू जरूरत भी पूरी की जा सकती है।

अगर आप किसान हैं, तो स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करिये और क्षेत्रीय सलाह लें। व्यापारी हैं तो गुणवत्ता, नमी और सही पैकेजिंग पर ध्यान दें। छोटे बदलाव से उपज और आय दोनों बढ़ सकती हैं।

भारतीय अविवाहितों के लिए कौन से आसान पकाने वाले खाद्य आइटम हैं?

आज के समय में, अविवाहित लोगों के लिए आसान पकाने वाले खाद्य आइटम पाने के लिए बहुत सी विकल्प उपलब्ध हैं। उनमें से कुछ हैं उत्तम विकल्प जैसे तुरही, सिंड्रम, चावल, पालक, बेसन, कोकोस, सोयाबीन, अंडे और केला। ये सभी आसानी से पकाये जा सकते हैं और उनकी सेवन करने से आर्थिक और स्वास्थ्य के लिए फायदे होते हैं।
जन॰, 27 2023