Bangladesh vs Sri Lanka: एशिया कप 2025 के 5वें मैच में श्रीलंका 6 विकेट से जीता

Bangladesh vs Sri Lanka: एशिया कप 2025 के 5वें मैच में श्रीलंका 6 विकेट से जीता सित॰, 14 2025

मैच का बड़ा चित्र: पिच, टॉस और स्क्रिप्ट

अबू धाबी की रात, हल्की ओस, सधी हुई पिच और दो फुल-मेंबर टीमें आमने-सामने—मंच तैयार था एक तगड़े टी20 के लिए। एशिया कप 2025 के ग्रुप बी के पांचवें मुकाबले में Bangladesh vs Sri Lanka भिड़े, और कहानी वही निकली जिसकी उम्मीद थी: जो टीम दबाव में संयम रखेगी, वही जीतेगी। श्रीलंका ने ऐसा ही किया—पहले गेंद से बचाव तय किया, फिर बैटिंग से पीछा आसान बना दिया।

यह मुकाबला शेख जायद स्टेडियम, अबू धाबी में 13 सितंबर की शाम खेला गया। टॉस 7:30 PM IST पर और पहली गेंद 8:00 PM IST—ठीक उसी खिड़की में जब इस मैदान पर अक्सर ओस उतरने लगती है। पिच हार्ड लेंथ और बैक-ऑफ-लेंथ गेंदों पर मददगार थी, और नई गेंद हल्का सा हरकत कर रही थी। नतीजा—बांग्लादेश का टॉप ऑर्डर शुरू में बंधा रहा, मिडिल ओवर्स में भी स्पिन ने रस्साकशी बनाए रखी, और स्कोर ‘नीचे-पार’ रहा। इस मैदान पर 150-160 का स्कोर अक्सर लड़ने लायक माना जाता है; बांग्लादेश उससे कम पर रुक गया, जिससे पीछा आसान हो गया।

श्रीलंका की योजना साफ थी—पावरप्ले में स्लोअर बाउंस का फायदा, फिर बीच के ओवर्स में स्पिन क्लैंप। वानिंदु हसरंगा ने लेंथ और फ्लाइट से खेल रोका, जबकि दुश्मंथा चमीरा, मथीशा पथिराना और नुवान तुशारा ने गति-परिवर्तन से रन बहने नहीं दिए। दूसरी तरफ, बांग्लादेश ने भी जिद दिखाई—कुशल मेंडिस और पथुम निशांका के सामने नई गेंद से शोरिफुल इस्लाम और मुस्तफिजुर रहमान ने लय खोजी और शुरुआती कोशिशों में बढ़त लेने की पूरी कोशिश की। पर विकेट जैसे-जैसे ‘सेटल’ होती गई, बैटिंग आसान दिखाई देने लगी।

चेज में श्रीलंका ने रिस्क की बजाय रूटीन अपनाया: स्ट्राइक रोटेशन, गैप फाइंडिंग, और खराब बॉल को बाउंड्री। कुशल मेंडिस और पथुम निशांका ने मिडिल ओवर्स में इनिंग स्थिर रखी। कप्तान चरित असलंका ने रन-रेट को थामे रखा, और आखिर में अनुभव ने बाजी मार ली। बांग्लादेश के पास खिड़की थी—अगर पावरप्ले में एक-दो झटके और लग जाते या 7 से 13 ओवर के बीच विकेट मिल जाता—पर वह पल नहीं आया। नतीजा: श्रीलंका 6 विकेट से जीता और ग्रुप तालिका में मजबूती मिली।

मैच संदर्भ भी दिलचस्प था। यह श्रीलंका का टूर्नामेंट में पहला मैच था, जबकि बांग्लादेश हांगकांग को हराकर आया था और हाल के चार टी20 में तीन जीत के दम पर आत्मविश्वास से भरा था। फिर भी, एशिया कप में श्रीलंका पारंपरिक रूप से ‘बिग-टूर्नामेंट’ टीम रही है—छह खिताब इसका गवाह हैं। इस बार भी उन्होंने वही ब्रांड दिखाया: संयम, स्किल और छोटे-छोटे पलों में बेहतर फैसला।

  • टूर्नामेंट: एशिया कप टी20 2025
  • स्थान: शेख जायद स्टेडियम, अबू धाबी
  • टॉस: 7:30 PM IST
  • पहली गेंद: 8:00 PM IST
  • परिणाम: श्रीलंका 6 विकेट से जीता

पिच की प्रकृति भी कहानी का हिस्सा रही। यहां नई गेंद थोड़ा ‘होल्ड’ करती है, जिससे बैटिंग टीमें शुरू में जोखिम से बचती हैं। जैसे-जैसे शाम गहराती है, आउटफील्ड तेज और गेंद बैट पर बेहतर आती है। बांग्लादेश के लिए चुनौती थी 16वें ओवर के बाद स्कोर को 140 से ऊपर धकेलना, पर डेथ में पथिराना-तुशारा की ‘हिट-द-डेक’ और स्लोअर गेंदों ने हाथ नहीं खोलने दिया।

रणनीति, खिलाड़ी और ग्रुप समीकरण

श्रीलंका की गेंदबाजी की रीढ़ उनकी मिश्रित आर्सेनल है—रॉ पेस, स्लोअर बाउंसर, और क्वालिटी लेग-स्पिन। चमीरा ने टॉप ऑर्डर पर हार्ड लेंथ रखी, पथिराना ने एंगल और वैरिएशन से डेथ को कसा, और हसरंगा ने बीच के ओवर्स में रन-रेट को चाबी की तरह घुमाया। कप्तान असलंका की फील्ड-प्लेसमेंट भी सधी रही—कवर के अंदर का फील्डर अक्सर रन तोड़ता दिखा, जिससे सिंगल पर दबाव बना।

बांग्लादेश के नजरिए से, टॉप थ्री को पावरप्ले में गियर स्विच करना था, पर स्किलफुल गेंदबाजी के कारण उन्हें आउटसाइड-ऑफ स्टंप चैनल में ‘चेक’ शॉट खेलने पड़े। मिडिल में तौहीद हृदय और शमीम हुसैन जैसे बल्लेबाजों को स्पिन के खिलाफ स्वीप और रिवर्स के विकल्प खोजने थे, पर असंगत बाउंस और लेंथ-मिक्स से रिद्म नहीं बना। डेथ ओवर्स में जकर अली या महेदी हसन जैसी भूमिकाएं निर्णायक हो सकती थीं, मगर फिनिशिंग स्ट्राइक-रेट जुड़ नहीं सका।

चेज के दौरान मेंडिस-निशांका की साझेदारी ने मैच का टेम्पो सेट किया। उन्होंने ‘बाउंस-एडजस्ट’ करते हुए बैक-फुट पंच और स्क्वेयर-ड्राइव निकाले, और जब बांग्लादेश ने लंबाई खींची तो सिंगल-डबल से ओवर निकाल दिए। शोरिफुल ने सीम-अप और एंगल से मौके बनाए, मुस्तफिजुर ने धीमी गेंदों से बल्लेबाजों को फंसाने की कोशिश की, और तंजीम साकिब ने पावरप्ले में ‘हिट-द-डेक’ से उछाल निकाला—पर लगातार विकेट नहीं मिलना निर्णायक बना।

अब ग्रुप की तस्वीर देखें। अफगानिस्तान बेहतर नेट रन रेट के साथ शीर्ष पर बैठा है, बांग्लादेश और श्रीलंका दोनों ने हांगकांग पर जीत दर्ज की थी, और इस नतीजे से श्रीलंका सुपर फोर की रेस में मजबूत दिखता है। बांग्लादेश के लिए आगे का रास्ता स्पष्ट है—पावरप्ले में इरादा दिखाना होगा, और मिडिल ओवर्स में स्पिन के खिलाफ रोटेशन बढ़ानी होगी।

रणनीतिक तौर पर ये पांच बातें उभरकर सामने आईं:

  • टॉस एडवांटेज वास्तविक था—ओस ने दूसरी पारी में शॉट-मेकिंग सरल की।
  • श्रीलंका ने लेंथ-डिसिप्लिन से बांग्लादेश के टॉप ऑर्डर की रन-फ़्लो रोकी।
  • हसरंगा का स्पेल मैच-शेपिंग रहा—उन्होंने मिडिल ओवर्स में रन-रेट पर ब्रेक लगाया।
  • मेंडिस-निशांका की संयमित साझेदारी ने चेज का दबाव घटाया; उन्होंने गैप ढूंढ़कर जोखिम कम रखा।
  • बांग्लादेश डेथ ओवर्स में ‘फिनिशिंग किक’ नहीं दे पाया—यहीं मैच फिसला।

अबू धाबी का यह मैच इसलिए भी खास रहा क्योंकि इससे पहले चार मुकाबले एकतरफा रहे थे। यह पहला असल ‘कंटेस्ट’ लगा जिसमें दोनों पक्षों के कौशल का असली टेस्ट हुआ। श्रीलंका ने बड़े टूर्नामेंट की आदत दिखाई—बिना घबराहट गेम प्लान पकड़कर रखा, और छोटे-छोटे सेशन्स जीते।

प्लेयिंग XI भी ध्यान देने योग्य है, क्योंकि आगे की रणनीति इन्हीं कंबिनेशन से बनती है:

  • श्रीलंका: पठुम निशांका, कुशल मेंडिस (विकेटकीपर), कमिल मिशारा, कुशल परेरा, चरित असलंका (कप्तान), कमिंदु मेंडिस, दासुन शनाका, वानिंदु हसरंगा, दुश्मंथा चमीरा, मथीशा पथिराना, नुवान तुशारा।
  • बांग्लादेश: परवेज हुसैन एमोन, तंजीद हसन तमीम, लिटन दास (विकेटकीपर/कप्तान), तौहीद हृदय, जकर अली, शमीम हुसैन, महेदी हसन, रिशाद हुसैन, तंजीम हसन साकिब, शोरिफुल इस्लाम, मुस्तफिजुर रहमान।

इन नामों में कुछ अहम उपकथाएं छिपी हैं। श्रीलंका ने दो रॉ-पेसर और एक एक्स-फैक्टर डेथ बॉलर के साथ क्वालिटी लेग-स्पिन चुना—ये टी20 का आदर्श संतुलन है। बांग्लादेश ने दो लेफ्ट-आर्म पेस ऑप्शन के साथ एक लेग-स्पिनर और एक ऑफ-स्पिन ऑलराउंडर मैदान में उतारा—मतलब वे मैच-अप आधारित रणनीति पर टिके रहे, पर एक्सीक्यूशन में कमी रह गई।

आगे क्या? बांग्लादेश को पावरप्ले में एक एंकर और एक एग्रेसर की भूमिका स्पष्ट करनी होगी—जैसे लिटन दास एंकर बनें और दूसरा ओपनर फ्री-लाइस के साथ खेले। मध्य ओवर्स में रिवर्स-स्वीप और लॉफ्टेड ड्राइव जैसे ‘रिलीज शॉट्स’ योजनाबद्ध रखने होंगे, ताकि हसरंगा या किसी भी लेग-स्पिनर का इफेक्ट घटे। गेंदबाजी में, डेथ के लिए वैरिएशन—कटर, स्लोअर बाउंसर और यॉर्कर का मिश्रण—और साफ चाहिए।

श्रीलंका के लिए संदेश स्पष्ट है—यह जीत सिर्फ दो अंक नहीं, उनकी शैली की पुष्टि है। जब पिच स्लो हो, वे हार्ड लेंथ से खेल रोकते हैं; जब ओस हो, वे बिना हड़बड़ी टारगेट का पीछा करते हैं। यही निरंतरता उन्हें बड़े मैचों में अलग बनाती है।